हरियाणा के कुख्यात वांटेड पपला उर्फ विक्रम गुर्जर महाराष्ट्र के कोल्हापुर निवासी जिया उससहर सिगलीगर के पास रहते है इस बात का पता नवम्बर 2019 में चल गया था। पपला को इस बात कि खबर थी की राजस्थान एसओजी और पुलिस उसके ठिकानों पर छापा मार सकती है इसीलिए वह एनसीआर क्षेत्र में फरारी काट रहा था।
सूत्रों के मुताबिक पपला के पकड़े गए गुर्गों में से एक ने एसओजी को बताया कि हरियाणा और पंजाब के बदमाश जिया कि पनाह में फरारी काटते हैं। जिया जिम भी चलाती है। इस पर नवम्बर 2019 में एसओजी टीम कोल्हापुर पहुंची। तभी से एसओजी टीम ने जिया पर नजर रखी लेकिन लंबे समय तक पपला वहां नहीं पहुंचा।
पपला के गुर्गे ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश को सही बताते हुए कहा कि एसओजी ने जिया से नजर हटा ली थी। लेकिन इस केस कि खास बात यह है कि एसओजी में सिद्धांत शर्मा पपला के पीछे लगी टीम को लीड कर रहे थे। बताया जाता है कि शर्मा का तबादला जयपुर रेंज में हो गया लेकिन वह पपला की तलाश में लगातार जुटे रहे। बताते हैं कि तीन माह से एएसपी सिद्धांत शर्मा के नेतृत्व में टीम कोल्हापुर में जिया पर नजर रखे हुए थी। टीम के सदस्य कोल्हापुर में किराए से कमरा लेकर रह रहे थे।
पपला राजस्थान पुलिस से अपने आप को बचाने के लिए फूंक.फूंककर कदम रख रहा था पपला ने जिया के घर को सुरक्षित ठिकाना समझा। वह 12 दिन पहले ही उसके यहां पहुंचा था। माना जा रहा है कि जिया और पपला के बीच प्रेम था। दोनों एक ही घर में रहने लगे थे।
पपला ज्यों ही जिया के घर पहुंचा तभी एएसपी शर्मा की टीम ने छापा मारा । तभी जयपुर रेंज आइजी हवासिंह घुमरिया को सूचना दी। आइजी ने 1 से 15 जनवरी तक अलवर.बहरोड़ क्षेत्र के कई पुलिस कमाडो से संपर्क किया। पपला को पकडऩे के लिए उनका उत्साह बढ़ाया। इसके बाद 19 जनवरी को विशेष कमांडो टीम चुनकर महाराष्ट्र भेजी। पुलिस टीम ने पपला को पकडऩे के लिए करीब एक घंटे मशक्कत की और अंतत उसे गिरफ्तार कर लिया।
जिया को कोरोना जांच के बाद 7 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। सूत्रों के हवाले से पता चला कि जिया तलाकशुदा है और परिवार से अलग रहती है। उसके माता.पिता दोनों डॉक्टर हैं। पुलिस अब जिया से लगातार पूछताछ कर रही है।
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