16 लाख किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से आ रहा सौर तूफान - रविवार को धरती से टकराने का खतरा
वॉशिंगटन : वॉशिंगटन में सूरज की सतह से पैदा होकर एक बहुत अधिक भयानक शक्तिशाली सौर तूफान 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि सौर तूफान रविवार या सोमवार को किसी भी समय पृथ्वी से टकरा सकता है। और इसके साथ -साथ वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस तूफान के कारण सैटेलाइट सिग्नलों में भी बाधा आ सकती है। विमानों की उड़ान, रेडियो सिग्नल, कम्यूनिकेशन और मौसम पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।
स्पेसवेदर डॉट कॉम वेबसाइट के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि सूरज के वायुमंडल से पैदा हुए इस सौर तूफान के कारण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के प्रभुत्व वाले अंतरिक्ष के किसी भी एक क्षेत्र में इसका काफी असर पड़ता हुआ दिखाई दे सकता है। उत्तरी या दक्षिणी अक्षांशों पर रहने वाले लोग रात में सुंदर आरोरा देखने की उम्मीद कर सकते हैं। ध्रुवों के नजदीक आसमान में जो रात के समय चमकीली रोशनी दिखाई देती है उसी को आरोरा कहते हैं।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का मानना है कि यह अनुमान लगाया जा सकता है कि ये हवाएं 1609344 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रही हैं। उनका कहना है कि हो सकता है कि इसकी स्पीड और भी ज्यादा हो सकती है । विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरिक्ष से यह महातूफान फिर दोबारा आ जायगा तो धरती के लगभगर हर शहर से बिजली गुल हो सकती है।
अंतरिक्ष नासा का मानना है कि सौर तूफान के कारण धरती का बाहरी वायुमंडल अधिक गरम हो सकता है जिसका सीधा असर सैटलाइट्स पर पड़ सकता है। इससे जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट टीवी में रुकावट पैदा हो सकती है। पावर लाइन्स में करंट तेज हो सकता है जिससे ट्रांसफॉर्मर भी उड़ सकते हैं। हालांकि, आमतौर पर ऐसा कम ही होता है क्योंकि धरती का चुंबकीय क्षेत्र इसके खिलाफ सुरक्षा कवच का काम करता है।वैज्ञानिकों का कहना है कि हमे इस तूफान से पहले ही अलर्ट हो जाना चाहिए इससे बहुत बड़ा नुकसान होने कि संभावना है।
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