सुशील कुमार ने ही बनाया था मारपीट का वीडियो - कुश्ती जगत में अपनी दहशत फैलाना था मकसद
नई दिल्ली: ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के पास शहर में कुश्ती जगत को आतंकित करने के लिए और लोगों पर अपना दबदबा बनाए रखने के लिए मारपीट की घटना का एक वीडियो बनाया था मगर उसे इस बात का अंदाजा नहीं था की उसका ये वीडियो उसी पर पलटवार करेगा। दिल्ली की पुलिस ने इसी रविवार को सुशील कुमार और अजय को बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके के छत्रसाल स्टेडियम के पास से अपनी हिरासत में लिया। दिल्ली की रोहिणी अदालत ने रविवार को ही पहलवान को छह दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है।
पुलिस ने कोर्ट को कहा कि , "सुशील ने प्रिंस (उसके दोस्त) से वह वीडियो बनवाया था। उसने और उसके साथियों ने पीड़ितों को जानवरों की तरह पीटा। सुशील का मानना है कि वह कुश्ती समुदाय में अपना डर बनाना चाहता था।"
जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ है तभी से लगभग तीन सप्ताह तक सुशील कुमार और उसका दोस्त अजय अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे और तभी दिल्ली पुलिस ने उन्हें ढूँढना शुरू किया। आखिरकार इतनी कोशिश करने के बाद रविवार को उन दोनों को बाहरी दिल्ली के मुंडका इलाके के छत्रसाल स्टेडियम के पास सह-आरोपी अजय के साथ गिरफ्तार किया। उन पर 23 वर्षीय पहलवान सागर राणा की मौत का आरोप लगाया गया हैं।
पुलिस के का कहना है कि सुशील कुमार और उसके साथियों ने राष्ट्रीय राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में 4 मई को अपने साथी पहलवान 23 वर्षीय सागर राणा और उसके दो दोस्तों के साथ मारपीट की थी। तीनों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।. बाद में राणा की चोटों के कारण मौत हो गई थी।
इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने फरार सुशील कुमार के बारे में जो भी बताएगा उसके लिए 1 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी। अजय कुमार की गिरफ्तारी पर भी 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की गई थी।
इस बीच, सुशील कुमार ने खुद ही 18 मई को अपनी गिरफ्तारी से सुरक्षा की मांग करते हुए दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में मदद कि गुहार की, जिसमें दावा किया गया था कि उनके खिलाफ जांच पक्षपातपूर्ण थी और पीड़ित को कोई चोट उनके कारण नहीं हुई थी। हालांकि अदालत ने यह कहते हुए उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी कि वह "प्रथम दृष्टया मुख्य साजिशकर्ता" थे और उनके खिलाफ आरोप गंभीर प्रकृति के थे।
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