दिल्ली: अलर्ट- खतरे के निशान के पार यमुना- लोगों को निचले इलाकों से हटाने का काम किया शुरू
सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सभी संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया गया है। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अलग-अलग इलाकों में 13 नावों को तैनात किया है तथा 21 अन्य को स्टैंड बाय रखा है।
हरियाणा द्वारा हथिनीकुंड बैराज से यमुना में और पानी छोड़े जाने पर दिल्ली पुलिस और पूर्वी दिल्ली जिला प्रशासन ने राजधानी में यमुना के मैदानी इलाकों में रह रहे लोगों से स्थान खाली कराना शुरू कर दिया है। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ का अलर्ट तब जारी किया जाता है जब यमुना का जलस्तर 204.50 मीटर के ''चेतावनी निशान'' को पार करता है। चौबीसों घंटे स्थिति की निगरानी की जा रही है।
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में बारिश के कारण नदी उफान पर है। उत्तर पश्चिम भारत में और बारिश की संभावना के कारण नदी और उफान पर हो सकती है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को तीसरे दिन दिल्ली-एनसीआर में मध्यम बारिश के लिए ''ऑरेंज अलर्ट'' जारी किया है।
दिल्ली बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज पर पानी छोड़ने की दर मंगलवार दोपहर को 1.60 लाख क्यूसेक पहुंच गई जो इस साल अभी तक सबसे अधिक है। बैराज से छोड़े गए पानी को राजधानी पहुंचने तक आम तौर पर दो से तीन दिन लगते हैं।
हरियाणा ने सुबह आठ बजे तक यमुनानगर में स्थित बैराज से 19,056 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा। गुरुवार को रात आठ बजे तक 25,839 क्यूसेक की दर से पानी छोड़ा गया था। सामान्यत: हथिनीकुंड बैराज से पानी के बहाव की दर 352 क्यूसेक होती है, लेकिन डूब वाले इलाकों में भारी बारिश के बाद ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। एक क्यूसेक 28.32 लीटर प्रति सेकंड के बराबर होता है।
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