दिल्ली: केजरीवाल ने राकेश अस्थाना के पुलिस कमिश्नर बनने पर किया तमाशा और बोले- SC के आदेश के विरुद्ध
केंद्र सरकार द्वारा राकेश अस्थाना को पुलिस कमिश्नर की पोस्ट दे दी गयी है और दिल्ली का नया पुलिस कमिश्नर बना दिया गया है ।उनकी पुलिस कमिश्नर की अपॉइंटमेंट के कारण राजनितिक दहलीज मे मतभेद शुरू हो गया। इस समय तमाम विपक्षी पार्टियां इस फैसले के विरुद्ध हैं और केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश याद दिला रही है और यह कहा जा रहा है कि अस्थाना की अपॉइंटमेंट गैरकानूनी है। यह मुद्दा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी उठाया है। उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत ठहराया है ।उन्होंने कहा की मुझे लगता है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध है जो आदेश सुप्रीम कोर्ट ने पारित किया है यह उसके विरुद्ध है।
केंद्र सरकार का फर्ज बनता है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को माना जाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के हिसाब से ही नियुक्ति होनी चाहिए.। जब उन्हें सीबीआई डायरेक्टर बनाने वाली जो कमेटी है जिसमें प्रधानमंत्री लीडर आफ अपोजिशन और चीफ जस्टिस थे, तब उन्हे योग्य नहीं माना गया था। वहीं कारण है कि वह इस पोस्ट के लिए भी योग्य नहीं है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी तल्ख अंदाज में केंद्र पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि नेता विपक्ष की बात से साफ हो गया कि दिल्ली में अबतक जितने भी पुलिस कमिश्नर नियुक्त हुए वो सब नाकारा और निकम्मे थे। केंद्र में सरकार बनाये 7 साल हो गए, कम से कम एक अफसर ढंग का नियुक्त करना था। दिल्ली में पुलिस का निकम्मापन जानबूझकर किया गया है। विपक्ष नेता ने कहा कि नव नियुक्त पुलिस कमिश्नर ने एक पार्टी के दामाद के खिलाफ़ कार्रवाई की लेकिन कौनसी कार्रवाई की ये किसी को नही पता है।
वहीं उन्होंने कांग्रेस को भी लेपेटे में लेते हुए कहा कि BJP और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। दोनों मिलकर जनता को बेवकूफ बनाते हैं। अगर दम है तो कहो अपने आकाओं से दामाद जी के खिलाफ़ कार्रवाई करें क्योंकि जिस दिन दामाद जी जेल जाएंगे, उससे पहले आपकीं (BJP) सरकार गिर जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद दिलाते हुए बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने रूलिंग दी है कि अगर डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के लेवल पर नियुक्ति होगी तो उसका टेन्योर 6 महीने बचा होना चाहिए। जबकि राकेश अस्थाना का टेन्योर 4 दिन बचा हुआ था और एक्सटेंशन बाद में दी गई। ये गड़बड़झाला करके बेईमानी की है लेकिन ये गड़बड़ चलेगी नही. केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का उल्लंघन नही करना चाहिए।
No comments:
Post a Comment