Wednesday, February 17, 2021

दिल्ली : ट्रेन के पैंट्रीकार में मिले 1 करोड़ 40 लाख - 15 घंटे तक नोटों से भरे बैग को छिपाए रही पुलिस

 


नई दिल्ली से जय नगर जा रही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस के पैंट्रीकार में साेमवार को लावारिस बैग से दो हजार, पांच सौ, दो सौ और सौ-सौ के नए नोटों की गड्डी मिली है। इस बैग में लगभग एक कराेड़ चालीस लाख रुपये थे जिसे मंगलवार शाम सात बजे के आस-पास जीआरपी और आरपीएफ के इंस्पेक्टर को पता चला था और उन्होंने इस बात की किसी को भनक भी नहीं लगने दी । उन दोनों के ऐसे व्यवहार को  लेकर जीआरपी और आरपीएफ की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं। रेलवे और पुलिस के बड़े अफसर भी इस बात को लेकर हैरान हैं कि नोटों के मिलने के बाद इस बात को  पंद्रह घंटे तक क्यों छिपाए रखा गया।

जब सारी जाँच पड़ताल की गयी तो उससे पता चला कि जो लावारिस बैग (सूटकेस) पुलिस को मिला था उस बैग को पुलिस ने ही पैट्रीकार से उतारा। सभी ये बात सोचकर हैरान हैं की उन्होंने इस बैग की कोई जांच पड़ताल क्यों नहीं कराई। आमतौर पर सुरक्षा को देखते हुए लावारिस वस्तुएं मिलने पर पुलिस बम डिस्पोजल दस्ता जैसी एजेंसी से जांच पड़ताल के बाद ही खोला जाता है। यहां ऐसा कुछ नहीं किया गया। जीआरपी और आरपीएफ के इंस्पेक्टर दोनों ने अपने उच्चाधिकारियों को भी कोई सूचना नहीं दी। एक दिन और रात बीत जाने के बाद भी उन्होंने किसी को नहीं बताया ।

रात बीत जाने के बाद हिन्दुस्तान न्यूज़ ने जाँच शुरू की। जब उनसे पूछा गया तो उन दोनों ने अपने मुँह पर चुप्पी ओढ़ ली। तीन बार फोन करने के बावजूद आरपीएफ प्रभारी पीके ओझा और जीआरपी प्रभारी राममोहन ने कॉल नहीं उठाया । आरपीएफ के सहायक सुरक्षा आयुक्त ने रात 11 बजे सलाह दी कि डिप्टी सीटीएम (सेंट्रल स्टेशन के डायरेक्टर) से बात कर लें। देर रात मुख्य वाणिज्य प्रबंधक (सीटीएम) ज्ञान सिंह ने बताया कि डिप्टी सीटीएम को कोई सूचना नहीं दी गई है। इस बीच जीआरपी के डिप्टी एसपी कमरुलहसन ने पूरी ईमानदारी से इस बात को मान लिया कि उन्हें पैसे मिले हैं और शाम को 7 बजे उन्हें सूचना दी गई है।अब सवाल ये उठता है कि क्या उन दोनों के मन में लालच पैदा हो गया था
 
जब इस बैग कि पड़ताल की तो उसमें ये जानकारी मिली कि दो हजार के 70 लाख, 500-500 के 55 लाख रुपए और बाकी दो सौ, सौ के नोट बैग में रखे गए थे। मामला जब खुल गया तो पुलिस ने अटैची खोली और नोट सील करवा दिए हैं।

ये ट्रेन स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस नई दिल्ली से चलने के बाद अलीगढ़ रात करीब 10.30 बजे पहुंचती है और उसके बाद कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर रुकती है।  अलीगढ़ तक पैंट्री कार में रुपए से भरा हुआ बैग मिलने की कोई जानकारी नहीं थी। जब अलीगढ़ से ट्रेन कानपुर सेंट्रल के लिए चली तो पैंट्री कार स्टाफ ने कोच अटेंडेंट को ट्रेन के चलने की जानकारी दी। कोच अटेंडेंट ने ट्रेन के चलने की खबर अगले स्टेशन को दी। तब तक बैग ट्रेन में ही पड़ा रहा।  लगभग ये बैग ट्रेन चार घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा। अगले किसी स्टेशन को सूचना नहीं दी गई। ट्रेन लावारिस बैग ढोते हुए कानपुर तक पहुंच गई। इस प्रकार की स्थिति में सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।

डिप्टी एसपी कमरुल हसन ने बताया कि अब बगैर रिजर्वेशन के ट्रेन में कोई भी यात्री यात्रा नहीं करता। जनरल कोच में भी रिजर्व टिकट लेकर ही लोग यात्रा करते हैं। नई दिल्ली, अलीगढ़ स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी। जिसके माध्यम से ही लाल रंग का बैग लेकर ट्रेन में सवार होने वाले की पहचान होने का दावा किया जा सकता है । उन्होंने इस बात का पूरा विश्वास दिलाया है कि 48 घंटे के अंदर उस आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया जाएगा।

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